दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक शृंखला बनाएं।

दिवाली के दिन वृद्धजन और बच्चों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को भोजन नहीं करना चाहिए। शाम को महालक्ष्मी पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें।

दिवाली से पहले मध्य रात्रि को स्त्री-पुरुषों को गीत, भजन और घर में उत्सव मनाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में व्याप्त दरिद्रता दूर होती है।

दीपावली में पांच दिन स्त्री प्रंसग न करें ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होता है।

लक्ष्मी जी को क्रोध और अहंकार करने वाले लोग पसंद नहीं आते हैं। इसलिए आज ही से क्रोध औऱ अहंकार का त्याग करें।

लंबे समय से उपयोग में न आने वाले बेकार पड़े सामान को दिवाली से पहले घर से बाहर कर देना चाहिए।

हमेशा याद रखें कि घर में माता लक्ष्मी की पत्थर या धातु की मूर्ति रखनी चाहिए। प्लास्टिक या प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्ति घर में कभी न रखें।

घर में माता लक्ष्मी की ऐसी कोई मूर्ति या तस्वीर न रखें जिसमें उनका वाहन उल्लू दिखाई दे ऐसी तस्वीर घर की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर सकती है।

पूजन के लिए लक्ष्मी जी की तस्वीर चुनते समय इस बात पर विशेष ध्यान दें, कि उनके पैर दिखाई नहीं देते हों। अन्यथा लक्ष्मी घर में लंबे समय तक नहीं टिकती।

जब भी मां लक्ष्मी का पूजन विष्णु जी एवं गणेश जी के साथ करें तो हमेशा गणेश जी लक्ष्मी के दाहिनी ओर एवं विष्णु जी लक्ष्मी के बायीं ओर होना चाहिए।